चंद अल्फ़ाज़ by Akash rawat, नादान परिंदा (classic reads .TXT) 📖
- Author: Akash rawat, नादान परिंदा
Book online «चंद अल्फ़ाज़ by Akash rawat, नादान परिंदा (classic reads .TXT) 📖». Author Akash rawat, नादान परिंदा
प्रस्तावना
यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखे गए गीतों , कविताओं का संकलन है।
मै कोई लेखक या कवि नहीं हूं , बस मुझे लिखना अच्छा लगता है ।
इसमें मैंने वो चीजे जिन्हें मैंने करीब से देखा और महसूस किया है उन्हें शब्दों में पिरोकर लिख दिया है ।
उम्मीद करता हूं आप सभी पाठकों को पसंद आएंगी।
जैसाकि मैंने पहले ही बताया है कि मै लेखक नहीं हूं तो जाहिर सी बात है इसमें कुछ त्रुटियां संभव है, अतः
आपसे अनुरोध है त्रुटियों के लिए क्षमा करे और मेरा हौसला बुलंद करे ताकि कुछ और लिख सकूं।
आपका आभार ।
धन्यवाद!
नादान परिंदा
ज्ञापन
विशेष धन्यवाद Your quote और book rix को जिन्होंने इसे पुस्तक का रूप
देने में अपना योगदान दिया!
यह पुस्तक मेरे परिवार , सभी ईष्ट मित्रों को उनके सहयोग के लिए समर्पित है!
शीर्षक
चल सको तो चलो
तो तुम इंसान हो
अच्छा तो नहीं
शब्द
पिता
कोई बात हो
मर्द को दर्द नहीं होता
काश! ऐसा भी हो
दुनिया एक तमाशा है
जिंदगी
तुम
काश!
वक्त
दुआ मांगी
अब वो हर बात पर रूठ जाता है
कुछ बातें
इश्क बेपरवाह
इश्क
तेरा ख्याल
थोड़ी बारिश लेते आना
कोई सिला से मुझे
जहमत क्यूं करते हो
कभी उदास मत होना
प्रेम
तुम मेरे नहीं हो
तेरा नाम
मेरे हमसफ़र
तुम्हारा साथ
जब तुम्हे किसी से प्यार होगा
उसने कांटे बोए
तेरी तलब
खुद को रिहा कैसे करोगे
शराब
इंतेज़ाम करो
बहुत थक गया हूं
मेरी मां
अकेलापन
शब्द
लॉकडाउन
परवरिश करो
Publication Date: 05-18-2020
All Rights Reserved
Dedication:
This book is dedicated to my family, friends and all my supporters. A special thanks to your quote who provide me a better stage to written my thought. A special thanks to book rix who help me to publish this book. Thanks to all!
Comments (0)